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रक्षा मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के नगरोटा सैन्य ठिकाने पर आतंकी हमले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। नवंबर 2016 में हुए आतंकी हमले में मेजर अक्षय गिरीश शहीद हो गए थे।
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Category: अन्य राज्य
चिटफंड कंपनी के 2 मुलाजिमों से पांच लुटेरे 10 लाख लूटकर फरार
मलोट (मुक्तसर)। मलोट के दविंदरा रोड पर 5 नकाबपोश हथियारबंद लुटेरे दिनदहाड़े एक चिटफंड कंपनी भारत फाइनेंस इनक्लूविड लिमिटेड के कर्मचारी से 10 लाख रुपए लूटकर फरार हो गए। यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैप्चर हो गई है, जिसके आधार पर पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
पुलिस को दिए बयान में इंद्राज विश्वकर्मा ने बताया कि वह बस स्टैंड के पास ऑफिस से बाइक पर साथी के साथ 9 लाख 99 हजार रुपए लेकर बैंक में जमा करवाने जा रहा था। दविंदरारोड के पास सफेद अल्टो कार में सवार तीन लोगों ने घेर लिया। दो लोग नीचे उतरे और पिस्तौल के बल पर कैश बैग छीनकर ले गए। उन्होंने बताया कि लुटेरों के साथ बाइक पर सवार दो नकाबपोश आगे चल रहे थे। दोपहर सवा तीन बजे की वारदात एक दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। लुटेरों की उम्र 25 से 30 साल की बीच थी। इन्होंने दस्तार बांधी हुई थी व चेहरे कपड़े से ढके हुए थे पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कर रही है।
पंप मुलाजिमों से 10 लाख लूटने वाले नहीं पकड़े गए: 15 अक्टूबर को मुक्तसर के मलोट रोड स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप के मुलाजिम से कार सवार लुटेरों ने 9 लाख 90 हजार रुपए लूटे थे। दोनों मुलाजिमों को घायल कर दिया था। पंप मैनेजर गगनदीप की बाद में बठिंडा में मौत हो गई थी। वारदात करने वाले पुलिस की गिरफ्त में अब भी बाहर हैं। अब ढाई माह में एक और घटना हो गई।
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जम्मू-कश्मीर: छठे दिन फिर पाकिस्तान ने पुंछ में की नापाक हरकत, देर रात दाग रहा गोले
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पाकिस्तान सेना के जवानों ने संघर्षविराम का एक बार फिर उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मनकोट इलाके में बनी अग्रिम चौकियों और नागरिक क्षेत्रों में मोर्टार से गोलाबारी की।
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आक्रोशित ग्रामीणों ने पैंथर व उसे पकड़ने वाली टीम पर बोला हमला, भारी पथराव के बीच जिंदा जलाने का प्रयास
जोधपुर. नागौर जिले के मूंडवा के समीप एक पैंथर को पकड़ने गई वन विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया। पैंथर को पकड़ने के पश्चात सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पैंथर व इसे बेहोश कर पकड़ने वाले डॉ, श्रवणसिंह राठौड़ को जिंदा जलाने का प्रयास किया। भारी पथराव के बीच वे अपनी टीम के साथ पैंथर को लेकर वहां से निकलने में कामयाब रहे, लेकिन चोटिल हो गए। जबकि पैंथर भी बुरी तरह से जख्मी हो गया।
मूंडवा क्षेत्र में कई दिन से घूम रहे पैंथर के कारण ग्रामीण दहशत में थे। इस पैंथर को पकड़ने के लिए जयपुर से बी एक टीम वहां पहुंची, लेकिन ग्रामीणों के उग्र व्यवहार को देख वापस लौट गई। इसके बाद पैंथर पकड़ने में माहिर माने जाने वाले डॉ. राठौड़ के नेतृत्व में एक टीम वहां पहुंची। पटेली गांव में पैंथर की उपस्थिति की सूचना पर उन्होंने वहां उसकी खोजबीन शुरू की।
इस दौरान वहां हजारों लोगों की भीड़ पहुंच गई। सभी ने हाथों में कुल्हाड़ी व अन्य हथियार थाम रखे थे। एक स्थान पर पैंथर नजर आने पर लोग उसे मारने के लिए भागे। इस दौरान जान बचाने के लिए पैंथर झाड़ियों में जाकर बैठ गया। डॉ. राठौड़ ने निशाना साध बेहोश करने का इंजेक्शन लगा दिया।
इस दौरान कुछ लोगों ने पैंथर पर हमला कर दिया। अपने बचाव में पैंथर ने अर्ध बेहोशी में दो लोगों पर हमला किया और एक पेड़ पर चढ़ गया। वहां मौजूद पुलिस व वन विभाग की टीम ने लोगों से पैंथर से दूर रहने की अपील की, लेकिन आक्रोशित लोग उसे मारने पर आमादा थे।
भारी भीड़ के बीच डॉ. राठौड़ ने उसे पेड़ से नीचे गिरा दिया। इस दौरान लोगों ने पैंथर व डॉ. राठौड़ पर हमला बोल दिया। लोगों ने उनके हाथ से ट्रेन्क्यूलाइजिंग गन को छिनने का भी प्रयास किया। भारी पथराव के बीच लोग दोनों को जिंदा जलाने के लिए चिल्लाने लगे। माहौल बिगड़ता देख पुलिस टीम वहां से खिसक गई।
भारी पथराव के बीच डॉ. राठौड़ ने बड़ी मुश्किल से बेहोश पैंथर को अपने वाहन में डाला और तेजी के साथ वहां से निकल गए। इस दौरान लोगों ने वाहन रोकने के लिए लगातार पथराव किया और करीब दो किलोमीटर तक उनका पीछा किया। पैंथर को जोधपुर लाया गया है। उसके शरीर पर कुल्हाड़ी का एक गहरा घाव होने के अलावा पत्थरों की कई चोट लगी है। वहीं डॉ. राठौड़ शरीर पर पत्थर लगने से चोटिल हो गए। उनका इलाज भी यहां चल रहा है।
अब तक 22 पैंथर पकड़ने के साथ सालाना सैकड़ों वन्यजीवों की जान बचाने वाले डॉ. राठौड़ ने कहा कि उन्होंने कभी इतना खराब नजारा नहीं देखा। लोगों का व्यवहार बहुत आहत करने वाला रहा। हम लोग उनकी रक्षा के लिए पैंथर को पकड़ने गए थे और वे हमारे ऊपर ही हमला करने लग गए।
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जिस युवक की हत्या में 5 आरोपी 6 साल जेल में रहे, उसका शव ही नहीं मिला, सभी दोषमुक्त
इंदौर. 21 लाख रुपए की लूट के लिए जिस युवक का अपहरण कर हत्या की गई, उसका शव अब तक नहीं मिला है जबकि हत्या के आरोप में पांच आरोपी जेल में थे। कोर्ट ने पांचों आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। मृतक की उम्र 18 साल की थी जबकि पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर ने कोर्ट में कहा था कि उसने जिस युवक का पोस्टमॉर्टम किया था उसकी उम्र 38 वर्ष थी। डीएनए रिपोर्ट भी मैच नहीं हुई। इसी आधार पर कोर्ट ने पांचों आरोपियों को दोषमुक्त किया।
21 लाख नकद और 2 लाख के गहने भी हुए थे गायब :मामला यह है कि लगभग छह साल पहले 25 जून 2012 को इंदौर के पार्श्व नाथ नगर में रहने वाला 18 वर्षीय सुधीर स्वामी लापता हो गया था। उसके दूसरे दिन 26 जून को ब्यूटी पार्लर संचालित करने वाली उसकी मां ने थाना अन्नपूर्णा में रिपोर्ट लिखाई थी कि 25 जून को वह बहन के घर गई थीं और वापस आईं तो उनका बेटा सुधीर गायब था।
युवक की मां ने यह भी कहा कि उनके घर में रखा बैग भी गायब था, जिसमें 21 लाख रुपए नकद और दो लाख रुपए की कीमत के सोने के गहने थे। बाद में धामनोद व महेश्वर क्षेत्र निवासी अर्जुन, कालू, सत्तार, इमरान, जाकिर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर कुछ रुपए धामनोद में पुलिस ने जब्त किए। तब से वे जेल में थे। पुलिस कहानी में बताया गया था कि वे सुधीर को नासिक ले गए, रुपए लूटे और हत्या कर लाश वहीं नदी किनारे फेंक दी। इस पर इंदौर पुलिस ने पांचों को युवक की हत्या, लूट व अपहरण के मामले में प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया था।
दो आरोपियों को चोरी के मामले में तीन-तीन साल की सजा :बचाव पक्ष के एडवोकेट महेंद्र मौर्य के मुताबिक जो लाश पुलिस ने बरामद होना बताई थी वही मृतक की नहीं निकली थी। डीएनए रिपोर्ट में वह लाश किसी 38 वर्षीय व्यक्ति की होना पाई गई थी जबकि जिस युवक की हत्या का केस चला वह 18 साल का था। गुरुवार को एडीजे केशवमणि सिंहल ने फैसला सुनाते हुए पांचों को हत्या के मामले में बरी कर दिया। केवल दो आरोपी अर्जुन व कालू को चोरी का माल रखने के आरोप में तीन-तीन वर्ष की कैद की सजा सुनाई।
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प्रदेश में 88 पॉजिटिव मरीज, 44 मुख्यमंत्री गहलोत के गृह जिले में, तीन की मौत भी
जोधपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला जोधपुर सबसे ज्यादा स्वाइन फ्लू पॉजिटिव और इससे होने वाली मौतों में प्रदेश में प्रथम हो गया है। हाल यह है कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू का आंकड़ा नए साल के तीन दिन में 88 है, वहीं अकेले जोधपुर में 44 व संभाग में 41 पॉजिटिव आए हैं। प्रदेश में सर्वाधिक तीन मौतें भी जोधपुर में ही हुई हैं। दूसरे स्थान पर जयपुर में 18 पॉजिटिव मरीज और जयपुर संभाग में 28 मरीज 3 दिन में पॉजिटिव आए हैं। जयपुर में फ्लू से काेई भी मौत नहीं हुई है।
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गुरुवार को डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयोलॉजी लैब में 51 संदिग्धों के सैंपल लिए, जांच में 25 पॉजिटिव आए। वहीं लगातार तीसरे दिन एक और मरीज की मौत हो गई है। अगर गुरुवार के आंकड़े को भी जोड़ा जाए तो जोधपुर में अब तक 69 पॉजिटिव और 3 मौत हैं। उधर पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ता देख मेडिकल कॉलेज ने आमजन जागरूकता के लिए उम्मेद अस्पताल के ऑडिटोरियम में पब्लिक लेक्चर का आयोजन किया। विशेषज्ञ डॉक्टरों ने स्वाइन फ्लू के लक्षण, बचाव और कब जांच की जरूरत है, आदि पर आमजन को जागरूक किया। सीएमएचओ डॉ. सुनील कुमार बिष्ट ने महामंदिर और मदेरणा कॉलोनी की डिस्पेंसरी में स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए नर्सिंग स्टाफ और एएनएम के द्वारा किए जा रहे प्रयासों का जायजा लिया।
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गुरुवार को पॉजिटिव में जोधपुर के 18, पाली के 2, बाड़मेर के 2, नागौर के 2, जालोर का एक मरीज है। पॉजिटिव में महामंदिर के 20 वर्षीय युवक, पावटा के 62 वर्षीय बुजुर्ग, उदयमंदिर के 23 वर्षीय युवक, महामंदिर की 40 वर्षीय महिला, चांदपोल के 86 वर्षीय बुजुर्ग, मधुबन हाउसिंग बोर्ड की 65 वर्षीय महिला, रामेश्वर नगर की 48 वर्षीय महिला, 60 वर्षीय महिला, प्रतापनगर की महिला, चौपासनी के 39 वर्षीय पुरुष, गीता भवन की 33 वर्षीय महिला, मेड़ती गेट के 60 वर्षीय पुरुष, मदेरणा कॉलोनी की 33 वर्षीय महिला, चांदणा भाखर के 45 वर्षीय पुरुष, चौहाबो के 39 वर्षीय पुरुष, पाली की 50 वर्षीय महिला व 51 वर्षीय महिला, सिवाना निवासी 1 वर्षीय बच्ची, बालोतरा निवासी 40 वर्षीय महिला, बिलाड़ा के 38 वर्षीय पुरुष, नागौर की 45 वर्षीय महिला व 48 वर्षीय पुरुष, बावड़ी की 9 वर्षीय बच्ची, मथानिया की 34 वर्षीय महिला, सांचोर के 63 वर्षीय पुरुष पॉजिटिव आए। इनमें से रामेश्वर नगर 48 वर्षीय महिला ने दम तोड़ दिया।
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डॉक्टर से मिलें, वे उचित समझेंगे तो टेस्ट करवाएंगे, नहीं तो सीधे इलाज शुरु कर सकते हैं। ध्यान रखें कि सभी मरीजों को टेस्ट और इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। जरुरी है कि मरीज घर रहे और ज्यादा लोगों से नहीं मिले। खांसते और छींकते वक्त रुमाल या टिशू का इस्तेमाल करें। किसी भी वस्तु को छूने पर साबुन से हाथ धोएं। स्वाइन फ्लू का वैक्सीन हर कोई लगवा सकता है। इसे हर साल लगवाना पड़ता है। ज्यादा लंबी बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों और वृद्ध, गर्भवती को और दो साल से छोटे बच्चों को वैक्सीन लगाना चाहिए।
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ये इंफ्लूएंजा वायरस से होता है। इसमें सर्दी जुकाम व बुखार होता है। कभी कभी कुछ मरीजों में गंभीर होकर जानलेवा भी हो सकती है। कम लोगों में गंभीर अवस्था बनती है। गंभीर होने की संभावना वृद्धों में, 2 साल से छोटे बच्चों में, सांस, हार्ट, गुर्दा, शुगर आदि लंबी बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों में ज्यादा होती है। गर्भवतियों में भी ज्यादा होती है।
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डरने की नहीं सतर्क रहने की जरूरत है। स्वाइन फ्लू के 99 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों का सिर्फ सर्दी जुकाम व बुखार ही होता है। जो खुद ठीक हो जाता है। कुछ प्रतिशत मरीजों में ही बढ़ने की आशंका रहती है। सर्दी कोई भी जुकाम-बुखार स्वाइन फ्लू हो सकता है। सभी का टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।
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मरीज के खांसते-छींकते वक्त रुमाल काम लें। दूसरा व्यक्ति ध्यान रखे कि जहां मरीज खांसी-छींक कर रहा है वहां किसी चीज को हाथ नहीं लगाएं। सामान्य और मरीज दोनों को ही बार-बार साबुन से हाथ धोने चाहिए। यह इस बीमारी से बचने का एक सबसे अच्छा तरीका है।
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मरीजों की बढ़ती संख्या संसाधनों की कमी या लापरवाही नहीं है, यह केवल आमजन में जागरूकता की कमी से है। जिन मरीजों की इम्युनिटी कम है, उन्हें यह वायरस गिरफ्त में ले रहा है। हल्की सर्दी-जुकाम होने पर आदमी घर रहकर इलाज नहीं लेता है, वह अनदेखा करता है। ऐसा हो तो घर पर ही रहकर इलाज ले और बाहर नहीं निकले तो 15 दिन में पॉजिटिव मरीजों पर रोक लगाई जा सकती है। यदि मरीज को पहले 48 घंटे में टेमीफ्लू दी जाए तो वह बीमारी पर पूरा असर करती है। लेकिन मरीज काफी देर से दवा और इलाज लेने अस्पताल आते हैं। दिल्ली पूना में हुई एक स्टडी में भी यह सामने आया कि स्वाइन फ्लू के मरीजों में से 20 प्रतिशत ऐसे हैं जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हुई तो उनको फ्लू हुआ। वायरस के स्टेन में परिवर्तन शोध का विषय है।
डॉ. आलोक गुप्ता,सीनियर प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग
अगले 48 घंटे होगी भीषण ठंड, कारगिल में पारा पहुंचा -18.6, यह है कारण, जारी हुआ अलर्ट
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उत्तरी भारत सहित देश के विभिन्न हिस्सों में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में तो पारा जमाव बिंदु से नीचे चला गया है। प्रदेश में करगिल सबसे ठंडा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 18.6 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया।
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